बेटा (पिता से)- पिताजी मुझे ढोल खरीद दीजिए ना!
पिता (बेटा से)- नहीं बेटे, तुम ढोल बजाकर मुझे तंग किया करोगे।
बेटा (पिता से)- नहीं पिता जी, मैं तो तब बजाऊंगा जब आप सो जाया करेंगे।
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सोनू (मोनू से)- ये इतने सारे लोग एक ही फुटबॉल को क्यों मार रहे हैं?
मोनू (सोनू से)- गोल करने के लिए।
सोनू- पर ये फुटबॉल तो पहले से ही गोल है।
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अध्यापक (चिंटू से)- बाबर भारत से वापस कब लौटा?
चिंटू (अध्यापक से)- पता नहीं सर।
अध्यापक- बोर्ड पर नहीं देख सकते नाम के साथ ही तो लिखा है।
चिंटू- मैंने सोचा शायद वह उसका फोन नंबर लिखा है।
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शिक्षक (सोनू से)- तुम गणित में फेल हो गए हो।
सोनू (शिक्षक से)- मैं क्या करता, आपने ही गलत पढ़ाया।
कभी 4 और 4 आठ बताया, कभी 6 और 2 आठ बताया और कभी 5 और 3 आठ बताया।
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सोनू (मोनू से)- तुम्हारी छतरी में तो छेद है।
मोनू (सोनू से)- हां पता है और इसे मैंने ही किया है।
सोनू- लेकिन क्यों?
मोनू- अरे यार जब बारिश बंद होती है तो पता चल जाता है।